दुनिया मे टोटल कितने पेड़ हैं?
●How Many Trees Are There?●
.
आज का सवाल यह है कि...पृथ्वी पर टोटल कितने पेड़ हैं?
मुश्किल है? कुछ खास नही...
.
2 सेप्टेंबर, 2015 को प्रतिष्ठित नेचर साइंस जर्नल में प्रकाशित एक शोध के अनुसार...
येल यूनिवर्सिटी के थॉमस क्रोथर और उनकी टीम ने कम से कम 4 फुट ऊंचे तथा 4 इंच से मोटे लकड़ी के तने वाली वनस्पति को आधिकारिक तौर पर "एक पेड़" मानकर इस सवाल का जवाब देने की कोशिश की है।
थॉमस ने इसके लिए सैटेलाइट्स फोटोज का इस्तेमाल करते हुए....6 महाद्वीपों के 50 देशों में अलग-अलग की गई वनस्पति जनगणना के 421529 शोधों से प्राप्त फारेस्ट डेंसिटी के आधार पर.... सुपर कंप्यूटर से गणना करते हुए....दुनिया भर में पेड़ों की संख्या 3.04 ट्रिलियन निर्धारित की है।
अर्थात....
3040 अरब पेड़ !!!
जो कि प्लस अथवा माइनस 5% की एरर से सही है।
.
थॉमस की स्टडी के दो स्याह पहलूँ भी हैं।
पहला यह कि आज से 11 हजार साल पहले.. आधुनिक सभ्यता के उदयकाल में पृथ्वी पर मौजूद पेड़ों की संख्या लगभग 6 हजार अरब थी।
यानी... आधुनिकता की दौड़ में हम सिर्फ 10 हजार सालों में पृथ्वी पर मौजूद आधी से ज्यादा वनस्पति को अपने स्वार्थ हेतु लील गए हैं।
दूसरा स्याह पहलूँ यह है कि... वर्तमान में हम 10 अरब पेड़ों को प्रतिवर्ष नष्ट करते जा रहे हैं।
और इस रफ्तार से सिर्फ 300 सालों के अंदर पृथ्वी पर कोई पेड़ शेष नही बचेगा।
.
क्या आप अंदाजा लगा सकते हैं कि इसका परिणाम कितना विनाशकारी होगा?
अभी हम अपनी भोजन संबंधी 99% जरूरतें पेड़ों और पेड़ों पर आश्रित जीवों से पूरी करते हैं। अगर पृथ्वी पर कोई पेड़ ही नही होंगे तो भोजन के लिए समूची पृथ्वी पर हाहाकार मच जाएगा। भूखे पेट कोई आर्मी, पुलिस आपकी रक्षा में समर्थ नही होगी।
खाद्य शृंखलाएँ, वैश्विक अर्थव्यवस्था, तथा कानून व्यवस्थाएं ठप्प हो जाएंगी। अराजकता का नंगा नाच पृथ्वी पर सर्वव्यापी होगा।
.
पेड़ों की अनुपस्थिति में वर्षा और पर्यावरण तंत्र, मृदा अपक्षरण तंत्र ठप्प हो जाएंगे। कृषि करना संभव नही हो पायेगा। कार्बन को सोख ऑक्सीजन छोड़ने वाले पेड़ों की अनुपस्थिति में वातावरण में कार्बन की अनियंत्रित बढ़ती मात्रा ग्लोबल वार्मिंग को अविश्वसनीय वेग से बढ़ाएगी।
.
जितना अधिक तापमान बढ़ेगा... उतना ही समुद्रों का जल वाष्पित होकर हवा में पहुंचेगा। जलवाष्प खुद ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ाने वाले ग्रीन हाउस इफ़ेक्ट से युक्त होती है। ग्लोबल वार्मिंग की यह चेन तब तक चलती रहेगी जब तक कि पृथ्वी पर मौजूद सभी महासागर सूख कर पृथ्वी एक बंजर, शुष्क चट्टान के ऐसे टुकड़े में तब्दील न हो जाये जिसका तापमान एक लोहा पिघला देने वाली भट्टी से भी अधिक होगा।
.
इस प्रकार....
भावी पीढ़ियों के लिए उपहार स्वरूप बचेगी तो सिर्फ एक बंजर, पथरीली, निर्जन, अग्नि के दावानलों से धधकती दुनिया... जहां कभी जीवन की किलकारियां गूंजती थी लेकिन तब शायद मौत की खामोशी ही पृथ्वी की एकमात्र पहचान होगी।
शायद इस नर्क को छोड़ किसी अन्य जीवन योग्य ग्रह की तलाश ही हमारी भावी पीढ़ियों की अंतिम नियति सिद्ध हो।
और यह सब सिर्फ 500 वर्षों के अंदर होगा...
.
तो पृथ्वी और मानवता को सुरक्षित रखने और इस संभावित विनाश को टालने का कोई उपाय है?
बिल्कुल है... बेहद आसान भी।
नियमित तौर पर वृक्षारोपण करिये !!!
.
Plant A Tree !!
For Humanity... For Future Generations... For Planet Earth !!!
.
For A Better Tomorrow !!
**************************
(फेसबुक पोस्ट से साभार)
© विजय सिंह ठकुराय
[वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित वहुचर्चित पुस्तक "बेचैन बंदर" के लेखक]
________________________
NEETJEE
[The Free E-Learning aap for 9th to 12th, IIT & Medical students]
We are launching our app by name #NEETJEE. For #Online #Students we are helping you by providing various features in no cost. Go and download our app and browse it quickly.
[India's No.1 Online Portal For NEET + IIT-JEE]
Follow us & Download the App
Comments
Post a Comment