चीन और अंतरिक्ष में कृत्रिम चाँँद ●Few Insights About China's Artificial Moon● . पिछले दिनों आपने पढ़ा होगा कि चीन रात में शहरों को रोशन रखने के लिए 2020 तक पृथ्वी की कक्षा में एक कृत्रिम चांद स्थापित करने की सोच रहा है। बचपन में आप सभी ने शीशे से प्रकाश को परावर्तित करके रोशनी के गोले को दूसरों के मुंह पर मारकर उन्हें परेशान करने का खेल काफी किया होगा। अलुमिनियम से कोटेड प्लास्टिक शीट से बना यह चाँदरूपी रिफ्लेक्टर भी इसी सिद्धांत पर कार्य करेगा। विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस तकनीक से चीन 5 वर्षों में 2 अरब डॉलर तक की बिजली खपत बचाने में कामयाब होगा। बहरहाल समस्या इस प्रोजेक्ट में नही... समस्या इस चांद की पृथ्वी से ऊंचाई यानी ऑर्बिट में है। . चीन से पहले रूस भी इसी तरह के एक प्रोजेक्ट "ज़िनमया" का सफल परीक्षण कर चुका है जिसके अंतर्गत 4 फरवरी, 1993 को रूस ने एक 20 मीटर के दर्पण को पृथ्वी की कक्षा में 500 किमी की ऊंचाई पर स्थापित किया था। इस ऊंचाई से आप आधे डिग्री की कोन (Cone) की जद में आने वाले क्षेत्र को रोशन कर सकते हैं यानी लगभग 10 किमी। पृथ्वी के ऑर्बिट में आ
"एक प्रयास.., मुकम्मल प्रस्तुति का"