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जनकृति पत्रिका का नया अंक (अंक 33, जनवरी 2018)



#जनकृति_का_नवीन_अंक_प्रकाशित
आप सभी पाठकों के समक्ष जनकृति का नया अंक (अंक 33, जनवरी 2018)  प्रस्तुत है। यह अंक आप पत्रिका की वेबसाइट www.jankritipatrika.in पर पढ़ सकते हैं। अंक को ऑनलाइन एवं पीडीएफ दोनों प्रारूप में प्रकाशित किया गया है। अंक के संदर्भ में आप अपने विचार पत्रिका की वेबसाइट पर विषय सूची के नीचे दे सकते हैं। कृपया नवीन अंक की सूचना को फेसबुक से साझा भी करें।
वर्तमान अंक की विषय सूची-

साहित्यिक विमर्श/ Literature Discourse
कविता
मनोज कुमार वर्मा, भूपेंद्र भावुक, धर्मपाल महेंद्र जैन, खेमकरण ‘सोमन’, रामबचन यादव, पिंकी कुमारी बागमार, वंदना गुप्ता, राहुल प्रसाद, रीना पारीक, प्रगति गुप्ता

हाईकु
• आमिर सिद्दीकी
• आनन्द बाला शर्मा

नवगीत
• सुधेश

ग़ज़ल
• संदीप सरस

कहानी
• वो तुम्हारे साथ नहीं आएगी: भारत दोसी

लघुकथा
• डॉ. मधु त्रिवेदी
• विजयानंद विजय
• अमरेश गौतम

पुस्तक  समीक्षा
• बीमा सुरक्षा और सामाजिक सरोकार [लेखक- डॉ. अमरीश सिन्हा] समीक्षक: डॉ. प्रमोद पाण्डेय

व्यंग्य
• पालिटिशियन और पब्लिक: ओमवीर करन
• स्वास्थ्य की माँगे खैर, करे सुबह की सैर: अमित शर्मा

यात्रा वृत्तांत
• सौंदर्य की नदी नर्मदा [लेखक- अमृतलाल वेगड़]: समीक्षा: रीना पारीक

संस्मरण
• केथी की कथा: डॉ. रूपेंद्र कवि

पर्यटन
• पटना का गोलघर: प्रदीप श्रीवास्तव

स्मृति शेष
• कुंवर नारायण का आलोचनात्मक चिंतन: डॉ. राकेश कुमार सिंह

साहित्यिक लेख
• सत्ता के दाँव –पेंच से रूबरू कराती रघुवीर की कविताएँ: डॉ. मणिबेन पटेल
• जगूड़ी की भाषा संवेदना: डॉ आलोक कुमार सिंह
• अल्पना मिश्र की कहानियों से झांकता दर्द-‘आंचल में दूध और आंखों में पानी’: डॉ. मीनाक्षी जयप्रकाश सिंह
• बिल्लेसुर बकरिहा’ की संघर्ष चेतना एवं परिवर्तन की दिशाएँ: डॉ. राम विनय शर्मा
• वेदना और मुक्ति की कहानीकार : अल्पना मिश्र- डॉ. मधुलिका बेन पटेल

शोध- विमर्श/ Research Discourse
• अंतरविषयी, बहुविषयी और परा विषयी अध्ययन का विश्लेषण: डॉ.अमित राय [शोध आलेख]

मीडिया- विमर्श/ Media Discourse
• भारत में सामुदायिक रेडियो का विकास-एक अध्ययन: शिवेंद्र मिश्रा [शोध आलेख]
• निर्भीक संपादक डॉ.भीमराव अम्बेडकर और भारतीय पत्रकारिता: डॉ. साताप्पा लहू चव्हाण [शोध आलेख]
• समकालीन पत्रकारिता की समस्याएं और चुनौतियाँ: डॉ. नवाब सिंह [शोध आलेख]
• समाज में बढ़ रहा अपराध और मीडिया: प्रो. रीना कौर ढिल्लों [लेख]
• मीडिया में महिला: प्रतिभा [शोध आलेख]

कला- विमर्श/ Art Discourse
• प्रारंभिक दौर का सिनेमा [1920-1950]: डॉ संगीता गांधी [लेख]
• प्रतिरोध का सिनेमा वाया कड़वी हवा: तेजस पूनिया [फिल्म समीक्षा]
• चंदायन के विविध पथ :अतीत वर्तमान समबन्धों की एक खोज- रीता दूबे [शोध आलेख]

दलित एवं आदिवासी- विमर्श/ Dalit and Tribal Discourse
• आदिवासी साहित्य की अवधारणा: मोनिका मीना [शोध आलेख]
• आदिवासियों की संघर्षगाथा और हिंदी कविता: कृष्ण कुमार मिश्र [शोध आलेख]
• कार्बी और बोड़ो आदिवासियों का सामाजिक जीवन एवं आध्यात्मिक प्रतीक: वीरेन्द्र परमार [लेख]
• हिंदी दलित कहानी: सामाजिक दस्तावेज एवं दलित आत्मसंघर्ष की जीवंत अभिव्यक्ति- आशीष कुमार ‘दीपांकर’ [शोध आलेख]

स्त्री- विमर्श/ Feminist Discourse
• दलित और आदिवासी स्त्री उत्थान: डॉ. अजय कुमार सिंह [शोध आलेख]
• विस्थापन और आदिवासी स्त्री: डॉ. स्नेह लता नेगी [शोध आलेख]
• मेहरुन्निसा परवेज़ के कथा साहित्य में स्त्री जीवन का यथार्थ: काजल [शोध आलेख]
• समानांतर सिनेमा: स्त्री दृष्टि- शालिनी सिंह [शोध आलेख]
• वर्चस्ववादी  मानसिकता को गौण बनाती अपराजिता स्त्री का चरित्र- धनिया: संदर्भ-प्रेमचंद कथा-साहित्य- डॉ विमलेश शर्मा [आलेख]

बाल- विमर्श/ Child Discourse
• बाल कविता: अनुज पाल धनगर [काव्य]

भाषिक- विमर्श/ Language Discourse
• भाषा और सौंदर्य का विश्लेषण: डॉ. प्रवीण कुमार [शोध आलेख]
• वैश्विक परिप्रेक्ष्य में हिंदी भाषा और साहित्य: संदर्भ उदय प्रकाश रचित ‘पीली छतरी वाली लड़की’- डॉ. अजीत कुमार दास [शोध आलेख]

शिक्षा- विमर्श/ Education Discourse
• 21 वी शताब्दी में हिंदी साहित्य शिक्षण: डॉ. मनीष खारी [शोध आलेख]
• व्यक्तित्व निर्माण में मूल्य शिक्षा: डॉ. उषा सिंह एवं एच.पी. सिंह [शोध आलेख]

समसामयिक विषय/ Current Affairs
• रोहिंग्या प्रवासीय समस्या का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में विवेचनात्मक विश्लेषण (म्यांमार के विशेष संदर्भ में): दिनेश कुमार  [शोध आलेख]
• आधुनिक राष्ट्रवाद का छद्मवादी स्वरूप: डॉ. अरविन्द कुमार उपाध्याय [शोध आलेख]
• Human Security: Paradigm Shift or Conceptual Diversion?- Ambikesh Kumar Tripathi [Research Article]
• मानवाधिकार और भूमंडलीकरण: प्रो. रणजीत कुमार सिन्हा [शोध आलेख]
• दुनियाँ की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा भारत: डॉ. मोनिका ओझा [लेख]
• मौत के आंकड़े: जयति जैन ‘नूतन’ [लेख]

शोध आलेख/ Research Article
• आधुनिक हिंदी एवं मराठी साहित्य के पुरोधा : एक तुलनात्मक अध्ययन- बेंद्रे बसवेश्वर नागोराव
• कथाकार काशीनाथ सिंह: नये विमर्श के आईने में- संतोष कुमार गुप्ता
• आधुनिक  हिन्दी  कविताओं में पारिस्थितिक चिंतन: श्वेता रस्तोगी
• ‘बस्ती’ में हम, हमारे भीतर बस्ती, कितना बसती हैं (इंतजार हुसैन के ‘बस्ती’ उपन्यास के संदर्भ में): पूजा मदान
• मुक्तिबोध के काव्य में अन्तःसंघर्ष: अजय कुमार चौधरी
• फणीश्वरनाथ रेणु की कविताओं में व्यंग्य और विडंबना: लल्टू कुमार
• हिंदी ग़ज़ल परंपरा में त्रिलोचन: निशान्त मिश्रा
• त्रिलोचन की कहानियों में प्रतिबिंबित लोक जीवन: अनीता पटेल
• उत्तर आधुनिक युवा चेतना और ‘रह गई दिशाएँ इस पार’: सविता रानी
• ‘पुराने घर का चाँद’ (उर्दू से हिन्दी में अनूदित) में वृद्धावस्था की अभिव्यक्ति: निक्की कुमारी
• प्राचीन जैन साहित्य में मुद्राएँ: डॉ. रजनी जैन
• मैथिलीशरण गुप्त के काव्य में सामाजिक मूल्य: चरंजीलाल
• नागार्जुन के उपन्यासों में सामाजिक, आर्थिक दृष्किोण: श्यामलाल गौड़
• डी एम मिश्र की गजलों का एक अध्‍ययन: कमलनयन पाण्डेय
• मीरा  और समाज : एक पुनर्मूल्यांकन- डॉ. सोमाभाई पटेल
• हरदान हर्ष की कहानियों में मानवीय पक्ष: प्रकाश नेभनानी
• अष्टछाप के कवि और उनका कर्त्तव्य: डॉ. योगेश राव
• कला से कविता का सृजन करता कवि: डॉ अल्पना सिंह
• कस्तूरबा गाँधी: ‘बा’ बनने की अंतर्कथा- मेघा

साक्षात्कार/ Interview
• डोगरी साहित्यकार यशपाल निर्मल के साथ बंदना ठाकुर की  बातचीत
• नवोदित फिल्म अभिनेता राजशेखर साहनी से मुकेश कुमार ऋषि से बातचीत
• ‘दामुल’ कहानी और फिल्म के लेखक शैवाल से ज्ञान चन्द्र पाल की बातचीत

अनुवाद/ Translation
• लातिन अमेरिकी कहानी ‘टोड्स माउथ’ [लेखक- इज़ाबेल अलेंदे] का हिंदी अनुवाद ‘मेढक का मुँह’: अनुवादक- सुशांत सुप्रिय
• अनुवादक ओमप्रकाश वाल्मीकि [मैं हिन्दू क्यों नहीं के विशेष सन्दर्भ में]: अनुरुद्ध सिंह

पत्रिका कर फरवरी अंक (अंक 34) हेतु रचनाएं, शोध आलेख, लेख (पत्रिका के विभिन्न स्तम्भ हेतु), साक्षात्कार इत्यादि 10 फरवरी से पूर्व jankritipatrika@gmail.com पर हिंदी अथवा अंग्रेजी भाषा में मेल करें। फरवरी अंक 28 फरवरी को प्रकाशित किया जाएगा।
धन्यवाद !

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