थायरायड के लक्षण व बचाव । गले के मध्य तितली के आकार की एक ग्रंथि होती है , जिसमें थ्रायोक्सीन नामक हार्मोन बनता है । इस हार्मोन का जब संतुलन बिगड़ने लगता है तो थायरायड नामक रोग लग जाता है । जब थ्रायोक्सीन हार्मोन बढ़ जाता है तो उसे हाइपर थायरायड कहा जाता है । जब यह हार्मोन कम हो जाता है तो इसे हाइपो थायरायड कहा जाता है । थायरायड की समस्या औरतों में ज्यादा होती है । दुनियां की हर तीसरी औरत आज इस समस्या से जूझ रही है । पुरुषों में भी यह समस्या देखी जा रही है । मधुमेह , हृदय रोग के बाद थायरायड की समस्या अब आम हो गयी है । थायरायड से प्रजनन क्षमता पर असर पड़ने लगा है । एनीमिया , गर्भपात और उच्च रक्तचाप की समस्या भी बढ़ने लगी है । हाइपर थायरायड के लक्षण - मन किसी काम में नहीं लगना , वजन कम होना , दिल की धड़कन बढ़ जाना , हाथ और पैरों में कपकपी होना , गर्मी ज्यादा लगना । हाइपो थायोरायड के लक्षण - वजन का बढ़ना , कब्ज रहना , भूख न लगना , त्वचा रुखी होना , ठंड ज्यादा लगना , आवाज भारी हो जाना , आंखों व चेहरे पर सूजन , सिर गर्दन व जोड़ जोड़ में दर्द होना । कारण - तनाव, दवाओं का प्रभाव
"एक प्रयास.., मुकम्मल प्रस्तुति का"