पुस्तक - दिल्ली दरबार (उपन्यास)
लेखक- सत्य व्यास
प्रकाशन - हिंदयुग्म - वेस्टलैंड
मूल्य - ₹१५०/-
दिल्ली दरबार अमेज़न लिंक
पुस्तक चर्चा - शक्ति सार्थ्य
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दिल्ली दरबार दो दोस्तों की कहानी है। नहीं-नहीं। सिर्फ एक ही की। दूसरा तो बेचारा कथावाचक है। राहुल मिश्रा की कहानी। मोहित उर्फ झाड़ी की जुवानी।
राहुल मिश्रा के बहुत से किस्से है। उन किस्सों का साक्षी है मोहित।
राहुल मिश्रा जब पढ़ने के लिए झारखण्ड से दिल्ली पहुंचता है तो वो उसकी चकाचौंध में घुल जाना चाहता है।
जैसे:- दो-चार गर्लफ्रैण्ड होनी चाहिए एक की अनुपस्थित में दूसरे का साथ। मतलब अकेलापन नहीं चाहिए। हर पल मौज-मस्ती। अच्छा पहनना। अच्छा खाना। घूमना। वगैरह-वगैरह।
राहुल मिश्रा के तो वैसे कई सारे अफेयर रहे लेकिन दो अफेयर कुछ ज्यादा ही खास रहे। एक तो मकान मालिक बटुक शर्मा की इकलौती बेटी परिधि शर्मा। और दूसरा महिका रायजादा के साथ। महिका रायजादा के साथ वाला अफेयर महिका का अकेले हो जाने की वजह से अपना अकेलापन दूर करने के लिए ही राहुल मिश्रा से हुआ था।
परिधि शर्मा के साथ वाला अफेयर शादी में तब्दीली तक चला। और महिका का उसका पूर्व प्रेमी के लौटने तक।
अब बात करते है उपन्यास पर..
इस उपन्यास की सबसे खास बात ये कि इसका कथानक आपको अंत तक बोर नहीं करता। इसकी किस्सागोई कमाल की है। बीच-बीच में मोहित के शेर और उनका राहुल के द्वारा किया गया पोस्टमार्टम मजबूती प्रदान करता है।
"शर्म तो बचपन में ही" रंभा आंटी वाला पूरा किस्सा क्या है अभी तक समझ से परे है।
कुल मिला के पूरा का पूरा उपन्यास आपको कई सारे मोड़ो से गुजारता है कि कैसे चिट वाली नकल होती है कि कैसे नये गैजेट्स के जरिये नकल करके सरकारी जॉब पा गया राहुल। ये नकल की तकनीक बिल्कुल नई थी उस वक्त। रोमांस भी भरपूर। और तो और परिधि का अवॉर्सन तकलीफ के साथ सीख भी दे जाता है।
बैकग्राउण्ड में साल 2011 का WorldCup
जिससे पूरी कहानी लिंक रहती है। कैसे सट्टा लगाया जाता है और तो और फाईनल मैच में दो बार टॉस का उछलना। काफी तकनीकी तरह से सट्टे का लगना और कैसे कैसे फॉर्मूले है इनके। आदि-आदि।
बैसे मानना पड़ेगा आपको कि आप जब ये उपन्यास पढ़ रहें होंगे तब आपको पता चलेगा कि ये उपन्यास कॉफी रिसर्च और तकनीकी ज्ञान की बिना इतना बेहतर बन पाना मुश्किल था और तो और लेखक की मेहनत का अंदाजा आप इसका हिंदी में बेस्ट-सेलर्स की सूची में शामिल होने से लगा ही सकते है।
[४मार्च२०१७]
©शक्ति सार्थ्य
shaktisarthya@gmail.com
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