साल २०१८ का उसके प्रथम दिवस के साथ स्वागत है। यह कितना महत्वपूर्ण है कि आज हम एक नये वर्ष में प्रवेश कर गये हैं। हमारा प्रवेश भी हमारी अपनी निजी चुनौतियों से शुरू होकर सामाजिक चुनौतियों तक संघर्षरत हैं। हम जो चाहते हैं शायद वो करने की कोशिश की बजाए किसी अन्य दिशा की ओर प्रस्थान कर जाते हैं। ये अक्सर जब भी होता है हम तब भी समझ नहीं पाते। और अंततः जब वो सब घटित हो जाता है जो अनचाहा होता है तब हम खुद को कोसने के बजाए किसी और को कोसते हैं। शायद तकदीर को। हां हम सारा दोष तकदीर पर मढ़ देते हैं। हमने शायद कभी ये सीखा ही नहीं कि हम कभी अपने को दोष दे सकें। ये तो हमारी मान-मर्यादा के एक दम विपरीत है। हमें अपनी मान-मर्यादा को समाज में जो दिखाना हैं।
अब मैं यहां ये समझ पाने में असमर्थ हूं कि आखिर ऐसा होता क्यों है? क्या हम अपनी कायरता से डरते हैं? क्या हम समाज को एक मात्र धोखे में रखना चाहते हैं? क्या समाज सच में धोखे में रह जायेगा? ये तो सब, बस हमारी एक छोटी-सी सोंच का ही परिणाम है। फिर हम ऐसा सोचते ही क्यों हैं? बहुत से प्रश्न है जो एका-एक हमारे मस्तिष्क में भ्रमण कर रहे होते हैं। फिर भी हम उनके भ्रमण से अनजान रहते हैं।
असल में होता क्या है, कि हम आत्मचिंतन की कमी के शिकार हैं। जिसका शिकारी होना आज के युग में हमारी पीढ़ी के लिए बहुत ही घातक होता है। आत्मचिंतन के जरिए हम अपने उन पहलुओं पर जा पाते जहां की शायद कभी कल्पना भी नहीं की गई हो। साथ ही साथ ढेरों सुझाव का ज़ख़ीरा भी खुद से मिलता चला जाता है। और उसपे अमल करने के बेहतर से बेहतर कारगर उपाय भी स्वत: ही जन्म लेते रहते हैं।
आत्मचिंतन आपकी अपनी समझ पर ही तो निर्भर करता है। इसके लिए किसी विशेष समय की आवश्यकता नहीं होती। ये तो स्वत: ही आपकी आवश्यकताओं के अनुसार कहीं भी किसी भी मुद्रा में किया जा सकता है। बस आपको उसके प्रति एकाग्र होना पड़ेगा। एकाग्रता भी तो आपकी अपनी समझ ही पर निर्भर है। अतः तात्पर्य ये है कि हम जो चाहे जहां चाहे जैसे चाहे स्वंय कर सकते हैं। हमें किसी पर निर्भर रहने की आवश्यकता भी नहीं।
फिर भी हम अपने आप को ये सब करने के लिए तैयार नहीं कर पाते। इसकी कई और बजहें भी होंगी जो आपकी अपनी स्वंय की निजी जीवनशैली पर आधारित हैं। आपको इस वर्ष बदलना होगा। एक नई सोच का निर्माण करना होगा। एक नया संकल्प लेना होगा। जो आपकी इच्छा के अनुरूप कार्य करें। हमें बस अपने मस्तिष्क पर कंट्रोल पाना हैं। क्योंकि यही है जो हमें आत्मचिंतन की क्रिया में ले जा सकता है। उम्मीद है की ये वर्ष आपके जीवन में कुछ नया करने के लिए प्रतिबद्ध होगा। इसी आशा के साथ नववर्ष की ढेरों शुभकामनाएं।
© शक्ति सार्थ्य
ShaktiSarthya@gmail.com
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