"गुस्सा, हमारे भीतर उग आई तनाव की एक ऐसी प्रक्रिया है जिसे हम बिना सोचे समझे किसी और पर एक नये और तीखे अंदाज में उड़ेल देते है।"
"गुस्सा, आपके भीतर धैर्य की कमी को भी दर्शाता है"
अक्सर हमने देखा होगा कि हम गुस्सा करने के तत्पश्चात एक तरह की राहत महसूस करते हैं। हमारे भीतर जो भी अनावश्यक चल रहा होता है, उसे हम अपने गुस्से के माध्यम से ही बाहर निकाल पाते हैं। यदि हम गुस्से के माध्यम से वो बातें जो हमारे लिए हानिकारक हो सकती है को बाहर न निकाले तो हम अवसाद की एक बड़ी गहरी नींद में जा सकते हैं। या फिर हम किसी बड़े नुकसान की ओर भी जा सकते हैं।
हमारे अंदर बढ़ रहे प्रेशर को हम गुस्से से ही रिलीज कर पाते हैं। कभी कभी गुस्सा इतना बढ़ जाता है कि इसकी नुकसान की भरपाई करना भी हमें मुश्किल हो जाता है।
***
हमें गुस्सा आता क्यों हैं?
'गुस्सा एक स्वभाविक प्रक्रिया है, जिसका आना कोई नई बात नहीं है, ये स्वत: उत्पन्न होने वाली क्रिया है।'
सही मायने में कहा जाए तो गुस्सा धैर्य की कमी का ही एक कारक है। जब हम छोटी-छोटी बातों को लेकर धैर्य नहीं रख पाते हैं तब गुस्सा हमारे मस्तिष्क में घर कर जाता है। और हम चिढ़-चिढ़े हो जाते हैं। और हम प्रत्येक बात को लेकर ये संशय बना लेते हैं कि यदि मैं इसे अपने माध्यम से हल नहीं करूंगा तो ये मुझे नुकसान पहुंचा सकती है। और इस तरह आप लोगों को इग्नोर कर अपनी मनमानी को लेकर धैर्य खो बैठते हैं जो एक तरह का आपका गुस्सा ही होता है, जिसे आप गुस्सा स्वीकारने से भी इंकार कर बैठते हैं।
***
क्या हमें गुस्सा करना चाहिए?
ये कहना स्पष्ट होगा कि हमें गुस्सा करने की बजाय खुद पर कंट्रोल करना चाहिए। जहां तक हो सके हमें कुछ ऐसे कारक जो गुस्से को जन्म देते हैं को अपनी आदतों से परे रखना चाहिए। क्या पता कब ये कारक परमाणु बम बनकर हमारी और हमारे आसपास मौजूद लोगों की जिंदगी तबाह न कर बैठे।
***
कैसे कंट्रोल करें गुस्सा?
गुस्से को कंट्रोल करने के लिए आपको कोई नई चीज करने की आवश्यकता नहीं है। बल्कि आपको अपनी आदतों को बदलने की आवश्यकता है। जब आपको ये आभास हो रहा होता है कि अब इस समय इस बात को लेकर मेरा व्यवहार गुस्से में तब्दील हो रहा है तब आपको वो जगह और वो बात छोड़ देनी चाहिए। और आपको तत्पश्चात एक बेहतर जगह और बात की ओर प्रस्थान कर जाना चाहिए। जिससे काफी हद तक आप खुद को कंट्रोल कर सकें। और आप यकीन मानिए ये रोज की आदत आपको एक दिन इस गुस्से से निजात दिला देगी।
***
गुस्सा क्या ये एक बिमारी है ?
वैज्ञानिको ने पता किया है कि व्यक्ति में गुस्से का जिम्मेदार उसके मस्तिष्क के अन्दर का ब्रेन रिसेप्टर
( Brain Receptor ) होता है, ये एक एंजाइम ( Enzyme ) होता है, जिसका नाम है मोनोएमीन ओक्सीडेस ए ( Monoamine oxides A )
अगर हम इस रिसेप्टर को बंद करा ले तो हमे गुस्से से निजात भी मिल सकती है।
-(इंटरनेट से साभार)
***
जब भी हमे गुस्सा आता है तो कई प्रकार के नकारात्मक विचार हमारे अन्दर प्रकट होने लगते है, इनका एक कारण किसी प्रकार की निराशा भी हो सकती है, किसी प्रकार की मानसिक कमजोरी या डर भी हो सकता है।
ये स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है, कभी कभी व्यक्ति खुद अपने लिए भी हानिकारक हो जाता है और दुसरो के लिए भी।
-(इंटरनेट से साभार)
***
गुस्से को एक प्रकार की ऊर्जा ही कहा जाता है, जो हमारे भीतर से सिर्फ नकारात्मक सोंच के कारण ही उत्पन्न हुई होती है। और जिसका प्रभाव काफी हद तक अधिक होता है, जिसके चलते आपके सामने वाला व्यक्ति भी डर जाता है और आपका सामना करने की जुर्रत भी नहीं करता।
कहा तो यहां तक भी जाता है कि यदि आपने अपने भीतर से उत्पन्न हो रही इस ऊर्जा को बेहतर ढंग से सकारात्मक रूप से प्रयोग करना चालू कर दिया तब आप कुछ भी बेहतर कर सकते हो अपनी आवश्यकता के अनुसार। जो आपको और आपके समाज को बेहतर ढंग से निर्माण करने में सहायता कर सकता है।
© शक्ति सार्थ्य
shaktisarthya@gmail.com
nice one Shakti bhai.....bahut khub
ReplyDeleteआभार सर
Delete