नवोदित (यंग पोएट्स)
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जैसे तुम्हारा मन हो वैसे लिखो
किसी भी शैली में जो तुम्हें पसंद हो
बहुत खून बह चुका इस पुल के नीचे
महज इस भ्रम के नाम पर
कि केवल एक ही रास्ता है जो सही है
कविता में सबकुछ स्वीकृत है
बेशक लेकिन लिखो तो केवल एक शर्त पर
कि खाली पन्ने को भरोगे तो बेहतर से भरोगे.
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निकानोर पर्रा
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बंदर को कविता लिखना सीखाना
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उन्हें एक बंदर को कविता लिखना सीखाने में
कुछ ज्यादा परेशानी नहीं हुई
पहले उन्होंने उसे कुर्सी बिठाया
और फिर उसके हाथ में एक पेंसिल बांध दिया
(कागज़ पहले से ही वहाँ रख दिया गया था)
फिर डॉक्टर ब्लूस्पाइर उसके कंधे पर झुके
और उसके कान में फुसफुसा कर कहा :
‘ तुम यूँ लग रहे हो जैसे तुम में दैवी क्षमता है
तो तुम कुछ लिखने की कोशिश क्यों नहीं करते? ’
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जेम्स टेट
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कविता की गलती
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मौत के बाद भी सुधर थोड़े जाएगी तुम्हारी कविता की ग़लती
मौत कोई प्रूफ़ रीडर थोड़े न होती है
मौत नहीं होती है कोई महिला सम्पादक
जिसे तुम्हारी कविता से सहानुभूति हो
एक बुरा बिम्ब रहेगा हमेशा के लिए एक बुरा बिम्ब
एक घटिया कवि जो मर गया
वह मरकर भी एक घटिया कवि ही कहलाएगा
दिमाग़ चाटने वाला मरकर भी चाटेगा दिमाग़
मूर्ख तो क़ब्र से भी मूर्खता ही बतियाएगा ।
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तादेयुश रोज़ेविच
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(कविता के सब गुण मेरे - सब दोष रघुवीर सहाय के)
मैंने एक बार किसी आलोचक के लिए ऐसी फर्राटेदार कविता लिखी
जो दोनों पैरों को ऊपर उठा सरपट दौड़ लगाती थी
जो हिनहिनाती भी थी घोड़ी की तरह
उसके टगबग टगबग में था दुनिया का उजाला
उसका रंग गोरा सुनहरा था
आँखें सुरमई थी, दुम का रंग गहरा था
मैं उस कविता को उसके सामने पेश करना ही चाहता था
और उससे प्रशंसा पा अहोभाव में मरना ही चाहता था
कि वह अड़ गई
टस से मस नहीं हुई अपनी जगह से
मानदंडों पर खरा उतारने फिर मैंने उसकी पीठ पर
इतने चाबुक मारे कि वह वहीं मर गई.
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शायक
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कालजयी भ्रम
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हां,
कविता लिखना इतना आसान होता है?
बिल्कुल भी नहीं
कबाड़ तो बिल्कुल भी नहीं
कभी कभी कालजयी भी नहीं
लिखना कठिन तो होता ही है?
और हां उसे समझ पाना,
कभी कभी उससे भी कठिन
मैंने पूरी कोशिश की है कालजयी रचनाकार होने की
और तुमने न?
उसे कालजयी क्या कबाड़ कहने से भी हाथ खींच लिए
मुझे तुम्हारा ये कालजयी प्रेम अच्छा लगा
जो तुमने मुझे कालजयी भ्रम से बाहर खींच लिया
नहीं तो मैं कालजयी बन जाने के भ्रम में समकालीनता से भी अन्याय कर बैठा था...
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शक्ति सार्थ्य
[नोट- पोस्ट एवं आईडिया साभार 'शायक आलोक' सर]
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