गालियों का प्रयोग वही लोग करते है जो सिर्फ कमज़ोर है या फिर उनका कोई अपना मतलब होता है,
मजबूत लोग हमेशा सही रणनीति और सही शब्दों का प्रयोग कर कुछ कर-गुजरने को तत्पर रहते है।
इस संवेदनशील माहौल में जिस तरह से लोगों का लावा निकल कर बाहर आ रहा है, उसमें से अधिकतर अब भी अभद्र भाषा का प्रयोग करने से गुरेज़ नहीं कर रहे है। क्या हम बाकई में सभ्य समाज के सभ्य पुरुषों के वंशज है? क्या यही हमारी अखण्डता है?
दोस्तों एक कहावत बचपन से सुनते आया हूँ "गरजने वाले बादल कभी बरसते नहीं"
आज जिस तरह से लोग गरज रहे है, वे यही लोग है जो देश के प्रति अपनी जान न्योछावर करने का मौका मिलने पर अपने घर से बाहर तक नहीं निकलेगें। और हाँ सोशल मीडिया पर जरूर एक महायुद्ध छेड़ देंगें।
जिस तरह से #कोबरापोस्ट ने कुछ शुभचिंतकों का स्टिंग ऑपरेशन कर उनकी देशभक्ति का प्रमाण प्रस्तुत किया है वो देखने योग्य है। ये लोग सोशल मीडिया पर चंद रूपयों के लिए कुछ भी लिखने को तैयार है। और हम उनके परम भक्त है जिसे वायरल करने में #SpeedySystem अपनाते हुए देश में संप्रदायिक महौल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते है।
आखिर हम चाहते क्या है? आजतक नहीं समझ पाये हम। हाँ, मैं ये अवश्य कह सकता हूँ कि आपकी #सोशलमीडिया पर सक्रियता सिर्फ इस बजह से कि आपमें से ज्यादातर लोग बेरोजगार है। आप स्वंय से रोजगार के अवसर तलाशने की वजह सोशलमीडिया पर इस लिए सक्रिय है ताकि आप अपनी सरकारों को कोस सके। याद रखिये यदि आपके पास कोई Skill या Talent नहीं है कोई भी आपको रोजगार नहीं दे सकता। और आपको यही दोनो चीजे अपने भीतर #डवलेप करनी चाहिए जिससे आप और आपका देश तरक्की की राह पर दौड़ सके। किंतु आप है कि सोशलमीडिया पर बिना किसी अर्थ के एक जंग छेड़ने में व्यस्त है।
पुलवामा में हुए अटैक का बदला लेने के लिए हमें अपनी सरकारों पर छोड़ देना चाहिए, क्योंकि यही वो सरकार है जिसे आप चुनकर लायें है। वो हमसे ज्यादा जानते कि उन्हें कौनसा कदम कब उठाना है। नहीं तो हम अपने अपने फैसले लेते लेते कब आपस में दुश्मन बन बैठेंगे आपको पता ही नहीं चलेगा। और आप उतनी ही मजबूती से बेरोजगारी की कुर्सी पर बैठे रहेंगे। क्योंकि यही सरकारे आपकी सोशलमीडिया पर सक्रियता को देखते हुए इस माध्यम का आपके विकास के लिये रखा गया धन आपको भ्रमित करने में खर्च करती रहेंगी जिससे उनके दलाल और पैसा बनाते रहेंगें, आप और बेरोजगार होते रहेंगे।
जय हिन्द ! जय भारत !
© शक्ति सार्थ्य
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